आग कितने प्रकार की होती है? Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai

Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai

हमारे आसपास होने वाली हर आग एक जैसी नहीं होती। कई बार किसी छोटी चिंगारी से बड़ा हादसा हो जाता है, और कई बार सही जानकारी की कमी की वजह से लोग आग पर गलत तरीका अपनाकर उसे और बढ़ा देते हैं। इसलिए यह जानना बेहद ज़रूरी है कि आग कितने प्रकार की होती है (Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai) और हर प्रकार की आग को बुझाने का सही तरीका क्या है।

फायर सेफ़्टी में आग को अलग-अलग क्लासेज़ में बांटा गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सही कदम उठाया जा सके। चाहे घर में लगी आग हो, गैस सिलेंडर की आग हो, इलेक्ट्रिक शॉर्ट-सर्किट हो या पेट्रोल-डीज़ल जैसी ज्वलनशील वस्तुओं की आग—हर एक की अपनी खास पहचान और अपना बुझाने का तरीका होता है।

अगर आप जानना चाहते हैं कि आग कितने प्रकार की होती है, उनके कारण क्या हैं, और किस आग पर कौन-सा फायर एक्सटिंग्विशर इस्तेमाल करना चाहिए—तो यह लेख आपको पूरी, आसान और practically useful जानकारी देगा।

चलिए शुरू करते हैं और विस्तार से समझते हैं कि Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai और उनके बीच क्या अंतर होता है।

आग क्या है? – Fire Meaning in Hindi

आग एक ऐसी रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें किसी पदार्थ का तेज़ी से जलना (Combustion) होता है और इसके दौरान गर्मी (Heat), रोशनी (Light) और ऊर्जा निकलती है। आम भाषा में कहें तो किसी भी वस्तु का ऑक्सीजन के संपर्क में जलना ही आग कहलाता है। यह प्रक्रिया तभी शुरू होती है जब किसी पदार्थ को उसकी ignition temperature यानी न्यूनतम तापमान तक गर्म किया जाए।

दैनिक जीवन में आग हमारे लिए ऊर्जा, खाना बनाने, औद्योगिक कार्य और सुरक्षा उपकरणों में बेहद उपयोगी है, लेकिन यही आग गलत परिस्थितियों में बेहद खतरनाक भी साबित हो सकती है। इसलिए जब हम यह समझते हैं कि आग क्या है, तो साथ ही यह जानना भी ज़रूरी हो जाता है कि aag kitne prakar ki hoti hai, ताकि किसी भी emergency में सही कदम उठाया जा सके।

वैज्ञानिक रूप से आग को अक्सर Fire Triangle के आधार पर समझाया जाता है, जिसमें तीन मुख्य तत्व शामिल होते हैं:

  1. Fuel (ज्वलनशील पदार्थ)
  2. Heat (गर्मी)
  3. Oxygen (ऑक्सीजन)

इनमें से कोई एक भी तत्व हट जाए तो आग अपने-आप बुझ जाती है। यहीं से फायर सेफ्टी की शुरुआत होती है।

अगर हम आग को पूरी तरह समझ लें कि यह कैसे शुरू होती है, कैसे बढ़ती है और इसे कैसे नियंत्रित किया जाता है, तब हम आसानी से हर तरह की आग—चाहे घर की हो या फैक्ट्री की—से निपट सकते हैं। यही कारण है कि आगे हम विस्तार से जानेंगे कि आग कितने प्रकार की होती है और हर प्रकार की आग को बुझाने का सही तरीका क्या है।

आग कितने प्रकार की होती है? Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai

फायर सेफ़्टी के अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार आग को 6 मुख्य प्रकारों में बाँटा जाता है। यह वर्गीकरण इसलिए किया गया है ताकि यह आसानी से समझा जा सके कि किस प्रकार की आग पर कौन-सा तरीका या फायर एक्सटिंग्विशर सुरक्षित रहता है।

जब आप जानते हैं कि aag kitne prakar ki hoti hai, तो किसी भी emergency में सही निर्णय लेना बहुत आसान हो जाता है। नीचे आग के सभी प्रकारों की साफ-साफ सूची दी गई है:

आग के 6 प्रकार (Fire Classes):

  1. Class A Fire – ठोस पदार्थों की आग
  2. Class B Fire – ज्वलनशील तरल पदार्थों की आग
  3. Class C Fire – गैसों की आग
  4. Class D Fire – धातुओं की आग
  5. Class E Fire – इलेक्ट्रिकल आग
  6. Class K / Class F Fire – किचन वाली तेल-घी की आग

इन सभी प्रकारों की अपनी अलग पहचान और अलग बुझाने की तकनीक होती है।
अगले सेक्शन्स में हम हर एक प्रकार को अलग-अलग detail में समझेंगे।

1. Class A Fire – ठोस पदार्थों की आग

What is Class A Fire

Class A Fire वह आग होती है जो साधारण ठोस पदार्थों के जलने से पैदा होती है। ये वे सामग्री हैं जो रोजमर्रा के जीवन में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होती हैं और आसानी से आग पकड़ लेती हैं। इस प्रकार की आग धीरे-धीरे फैलती है, लेकिन यदि समय पर नियंत्रित न किया जाए तो बड़ा रूप ले सकती है।

Class A आग में जलने वाले पदार्थ आमतौर पर carbon आधारित (Carbonaceous Materials) होते हैं, जैसे:

  • लकड़ी (Wood)
  • कपड़ा (Cloth)
  • कागज़ (Paper)
  • रबर (Rubber)
  • प्लास्टिक (Plastic)
  • फर्नीचर व अन्य ठोस सामग्री

इन पदार्थों में आग इसलिए तेजी से फैलती है क्योंकि ये आसानी से गर्म होकर अपनी ignition temperature पर पहुंच जाते हैं।

Class A Fire को सामान्यत: पानी (Water Extinguisher) से बुझाया जाता है, क्योंकि पानी ठोस पदार्थों पर लगी आग का तापमान तेजी से कम करता है और आग को फैलने से रोकता है।

अगले सेक्शन में हम जानेंगे –
Class A Fire कैसे पहचानें और इसे सुरक्षित तरीके से कैसे बुझाया जाता है?

What is Class A Fire “यहाँ भी पढ़ें”

2. Class B Fire – ज्वलनशील तरल पदार्थों की आग

What is Class B Fire

Class B Fire वह आग होती है जो ज्वलनशील तरल पदार्थों (Flammable Liquids) के जलने से लगती है। यह आग बेहद तेजी से फैलती है, क्योंकि तरल पदार्थ हवा के संपर्क में आते ही वाष्प (vapors) बनाते हैं, और यही vapors तुरंत आग पकड़ लेते हैं। इसलिए Class B Fire को सबसे खतरनाक आगों में से एक माना जाता है।

Class B आग आमतौर पर निम्न तरल पदार्थों से लगती है:

  • पेट्रोल (Petrol)
  • डीज़ल (Diesel)
  • केरोसिन (Kerosene)
  • पेंट थिनर (Paint Thinner)
  • अल्कोहल (Alcohol)
  • ग्रीस और ऑयल (Grease & Oils)
  • सॉल्वेंट्स (Solvents)

इन पदार्थों में आग इसलिए तेजी से फैलती है, क्योंकि ये जल्दी वाष्प बनाते हैं, और ये vapors कुछ ही सेकंड में आग को बड़ा रूप दे देते हैं।

Class B Fire पर पानी डालना बेहद खतरनाक होता है, क्योंकि पानी तरल पदार्थ को इधर-उधर फैला देता है और आग को और बढ़ा देता है।

इस प्रकार की आग को बुझाने के लिए विशेष प्रकार के एक्सटिंग्विशर उपयोग किए जाते हैं, जैसे:

  • Foam Extinguisher (AFFF Foam)
  • CO₂ Extinguisher
  • Dry Chemical Powder (DCP)

Class B Fire को नियंत्रित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है—ज्वलनशील तरल को आग के स्रोत से अलग करना और हवा की आपूर्ति रोकना।

3. Class C Fire – गैसों की आग

What is Class C Fire

Class C Fire वह आग होती है जो ज्वलनशील गैसों (Flammable Gases) के लीक होने या प्रज्वलित होने से लगती है। यह आग बेहद खतरनाक मानी जाती है क्योंकि गैसें हवा में तेजी से फैलती हैं और एक छोटी-सी चिंगारी भी बड़ा धमाका कर सकती है।

Class C आग आमतौर पर इन गैसों से लगती है:

  • LPG (रसोई गैस)
  • CNG
  • PNG
  • हाइड्रोजन (Hydrogen)
  • ब्यूटेन (Butane)
  • प्रोपेन (Propane)
  • एसीटिलीन (Acetylene)

गैसें हवा में मिलकर एक explosive mixture बनाती हैं, इसलिए Class C Fire अचानक तेज़ी से फैलती है और आसपास के क्षेत्र को तुरंत खतरे में डाल सकती है।

Class C Fire पर पानी डालना बहुत जोखिम भरा होता है, क्योंकि इससे गैस के दबाव और फ्लेम में और ज्यादा फैलाव हो सकता है। ऐसी आग पर पानी का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

Class C Fire को बुझाने के लिए सही एक्सटिंग्विशर्स हैं:

  • Dry Chemical Powder (DCP)
  • CO₂ Extinguisher

इन एक्सटिंग्विशर्स का मुख्य काम गैस की oxygen supply रोकना और आग को instant दबाना होता है।

Class C Fire में सबसे जरूरी कदम यह है कि गैस का स्रोत तुरंत बंद किया जाए, जैसे गैस सिलेंडर का रेगुलेटर, पाइप लाइन वाल्व या गैस टैंक का वाल्व।

4. Class D Fire – धातुओं की आग

What is Class D Fire

Class D Fire वह आग होती है जो ज्वलनशील धातुओं (Combustible Metals) के जलने से लगती है। यह आग बेहद खतरनाक और नियंत्रित करना मुश्किल होती है क्योंकि धातुएँ अत्यधिक उच्च तापमान पर जलती हैं और इन पर साधारण फायर एक्सटिंग्विशर या पानी का कोई असर नहीं होता।

Class D आग मुख्य रूप से उद्योगों, फैक्ट्रियों, केमिकल लैब्स और वर्कशॉप्स में देखने को मिलती है, जहाँ विभिन्न धातुओं का उपयोग या कटाई-छटाई होती है।

धातुएँ जिनसे Class D Fire लग सकती है:

  • मैग्नीशियम (Magnesium)
  • सोडियम (Sodium)
  • पोटैशियम (Potassium)
  • लिथियम (Lithium)
  • टाइटेनियम (Titanium)
  • एल्यूमिनियम की धूल (Aluminium Dust)

इन धातुओं की खासियत यह है कि ये ऑक्सीजन के बिना भी जल सकती हैं, और कुछ धातुएँ पानी के संपर्क में आने पर धमाका (Explosion) भी कर सकती हैं। इसलिए Class D Fire का गलत तरीके से उपचार करना बहुत बड़ा खतरा पैदा कर सकता है।

इस आग को बुझाने के लिए केवल विशेष एक्सटिंग्विशर काम आते हैं:

  • Class D Dry Powder Extinguisher
  • Metal Fire Powder

ये पाउडर आग से धातु को अलग करके उसकी ऑक्सीजन सप्लाई बंद कर देते हैं और तापमान कम करते हैं।

Class D Fire में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि
पानी का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए,
क्योंकि कई धातुएँ पानी के संपर्क में विस्फोट कर देती हैं।

5. Class E Fire – इलेक्ट्रिकल आग

What is Class E Fire

Class E Fire, जिसे आमतौर पर Electrical Fire कहा जाता है, वह आग है जो बिजली से जुड़े उपकरणों, वायरिंग, मशीनों या शॉर्ट-सर्किट के कारण लगती है। यह आग अचानक भड़कती है और बहुत तेजी से फैल सकती है, इसलिए इसे तुरंत और सही तरीके से नियंत्रित करना जरूरी होता है।

Class E Fire आमतौर पर यहाँ देखने को मिलती है:

  • शॉर्ट-सर्किट
  • ओवरलोडेड वायर
  • पुराने या कटे-फटे इलेक्ट्रिक केबल
  • खराब स्विचबोर्ड
  • एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन जैसी घरेलू मशीनें
  • कॉम्प्यूटर और ऑफिस इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
  • इंडस्ट्रियल मशीनरी

Class E Fire पर पानी डालना बेहद खतरनाक है, क्योंकि पानी बिजली का अच्छा चालक है और इससे करंट फैल सकता है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है।

Class E Fire को बुझाने के लिए सबसे सुरक्षित एक्सटिंग्विशर हैं:

  • CO₂ (Carbon Dioxide) Extinguisher
  • Dry Chemical Powder (DCP) Extinguisher

ये एक्सटिंग्विशर आग में मौजूद इलेक्ट्रिक स्पार्क को खत्म करते हैं और तारों व मशीनों को नुकसान कम करते हैं।

Class E Fire में एक बड़ी सावधानी यह है कि सबसे पहले बिजली की सप्लाई बंद की जाए, चाहे वह मुख्य स्विच हो, MCB हो या कोई ब्रेकर। बिजली बंद करने के बाद आग को कंट्रोल करना आसान हो जाता है।

Electrical आग अक्सर छोटी गलती से शुरू होकर बड़ा नुकसान कर देती है, इसलिए नियमित मेंटेनेंस और वायरिंग की जांच बहुत जरूरी है।

6. Class K / Class F Fire – किचन वाली तेल-घी की आग

What is Class F K Fire

Class K Fire (कुछ देशों में इसे Class F Fire कहा जाता है) वह आग होती है जो किचन में इस्तेमाल होने वाले तेल, घी और फैट के अत्यधिक गर्म होने से लगती है। यह आग मक्खन, सरसों का तेल, रिफाइंड, घी, और डीप-फ्राई करने वाले तेलों से जुड़ी होती है।

यह आग घरेलू किचन, रेस्टोरेंट, होटलों, कैफे और कमर्शियल कुकिंग एरिया में सबसे ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि यहां तेल उच्च तापमान पर लंबे समय तक गर्म किया जाता है। तेल जब अपने flash point से ऊपर चला जाता है तो वह अचानक भड़क सकता है और Class K Fire पैदा होती है।

Class K Fire आमतौर पर इन कारणों से लगती है:

  • कड़ाही या फ्रायर में तेल का ज्यादा गर्म हो जाना
  • डीप-फ्राइंग करते समय लापरवाही
  • गैस बर्नर के पास ऑयली सामान का गिर जाना
  • तेल का ओवरफ्लो होकर बर्नर पर आ जाना

इस आग पर पानी डालना सबसे खतरनाक गलती है।
पानी तेल के नीचे जाकर तुरंत भाप बनता है और तेल को ऊपर उछाल देता है, जिससे आग कई गुना बढ़ जाती है और कमरे में फैल जाती है।

आग की पहचान कैसे करें? – How to Identify Fire Class

जब आग लगती है, तो सही तरीके से fire class पहचानना बेहद जरूरी होता है। सही class जानने पर ही आप सुरक्षित तरीके से आग को नियंत्रित कर सकते हैं और नुकसान कम कर सकते हैं।

आग की पहचान निम्नलिखित तरीकों से की जाती है:


1. जलने वाले पदार्थ को देखकर (By the Type of Fuel)

सबसे आसान तरीका है यह देखना कि आग किस पदार्थ से लगी है।

Fire Classजलने वाला पदार्थ (Fuel)उदाहरण (Examples)
Class Aठोस पदार्थ (Solid)लकड़ी, कागज़, कपड़ा, फर्नीचर
Class Bज्वलनशील तरल पदार्थ (Liquid)पेट्रोल, डीज़ल, केरोसिन, पेंट थिनर
Class Cगैस (Gas)LPG, CNG, Hydrogen
Class Dज्वलनशील धातु (Combustible Metal)मैग्नीशियम, सोडियम, पोटैशियम, लिथियम
Class Eबिजली (Electrical Equipment)वायर, स्विचबोर्ड, मशीनरी, शॉर्ट-सर्किट
Class K / Fकिचन तेल और फैटघी, तेल, डीप फ्राइंग ऑयल

2. आग का रंग और धुएं की पहचान (By Flame Color & Smoke)

  • Class A Fire: ज्यादातर साफ़ पीला/नारंगी रंग, धुआँ कम
  • Class B Fire: तेज़ नारंगी या लाल रंग, गाढ़ा धुआँ
  • Class C Fire: हल्का नीला/हरा रंग, तेज़ फ्लेम
  • Class D Fire: सफ़ेद/सिल्वर फ्लेम, तेज़ चमक और चमकते चिंगारियाँ
  • Class E Fire: ब्लू फ्लेम + sparking, often around wires
  • Class K Fire: गाढ़ा नारंगी/पीला, तेल की सतह पर फ्लेम तेज़

इससे तुरंत अंदाज़ा लग जाता है कि आग किस प्रकार की है और कौन-सा extinguisher इस्तेमाल करना चाहिए।


3. आग की उत्पत्ति का स्थान देखकर (By Location / Source)

  • घर की किचन में तेल से लगी आग → Class K
  • गैस सिलेंडर या पाइपलाइन के पास → Class C
  • ऑफिस/घर में बिजली उपकरण से → Class E
  • फैक्ट्री में धातु handling area → Class D
  • घरेलू फर्नीचर या कागज़/लकड़ी से → Class A
  • पेट्रोल स्टेशन या गैरेज → Class B

आग का स्थान देखकर भी आग की class जल्दी पता चल जाती है।


4. दुर्घटना या कारण का अध्ययन (By Cause of Fire)

  • Short-circuit → Class E
  • Overheated cooking oil → Class K
  • Spilled petrol / diesel → Class B
  • Sparks near combustible metal → Class D

Cause study करने से fire response team तुरंत सही तरीका अपना सकती है।


5. Fire Extinguisher के संकेत देखकर

  • कुछ जगहों पर fire extinguisher label होता है:
    • “A” → Class A
    • “B” → Class B
    • “C” → Class C
    • “D” → Class D
    • “K” → Class K

यह labeling fire identification में तुरंत मदद करती है और emergency में confusion कम करती है।

Fire Triangle क्या है? – What is Fire Triangle

Fire Triangle आग (Fire) बनने की मूल प्रक्रिया को समझाने वाला एक बेसिक और बहुत ही महत्वपूर्ण मॉडल है। यह बताता है कि आग केवल तब शुरू होती है जब तीन बुनियादी तत्व साथ में मौजूद हों। यदि इनमें से किसी एक तत्व की कमी हो, तो आग लगना बंद हो जाती है।

Fire Triangle में तीन मुख्य तत्व शामिल हैं:


1. Heat (ताप / ऊष्मा)

Heat वह ऊर्जा है जो ईंधन (Fuel) को अपने Ignition Temperature तक गर्म कर देती है।

  • Heat के बिना ईंधन कभी आग नहीं पकड़ पाएगा।
  • Heat कई स्रोतों से आ सकती है, जैसे:
    • बिजली का शॉर्ट-सर्किट
    • चिंगारी या फ्लेम
    • घर्षण (Friction)
    • गर्म उपकरण
    • सूर्य की तेज़ रोशनी

2. Fuel (ईंधन / जलने वाली सामग्री)

Fuel वह पदार्थ है जो Heat मिलने पर जल सकता है। यह तीन रूपों में हो सकता है:

  • ठोस (Solid): लकड़ी, कपड़ा, कागज़, फर्नीचर
  • तरल (Liquid): पेट्रोल, डीज़ल, तेल, अल्कोहल
  • गैस (Gas): LPG, CNG, Hydrogen

Fuel के बिना आग के पास जलने के लिए कुछ भी नहीं होगा।


3. Oxygen (ऑक्सीजन / हवा)

Oxygen आग को sustain करने में मदद करता है।

  • सामान्य हवा में लगभग 21% ऑक्सीजन होती है।
  • Oxygen की मात्रा 16% से अधिक हो तो आग तेजी से फैलती है।
  • Oxygen की कमी होने पर आग अपने आप बुझ जाती है।

Fire Triangle कैसे काम करता है?

जब Heat, Fuel और Oxygen एक साथ मौजूद होते हैं:

  1. Heat ईंधन को गर्म करती है
  2. Fuel तैयार होता है जलने के लिए
  3. Oxygen आग को sustain करती है

इस प्रक्रिया के चलते आग लगातार जलती रहती है।


Fire Triangle का उपयोग (Importance)

Fire Triangle समझने से:

  • आग लगने के कारण को समझा जा सकता है
  • सही fire safety measures अपनाए जा सकते हैं
  • Extinguisher का सही चयन किया जा सकता है
  • Emergency situation में जल्दी और सुरक्षित कदम उठाए जा सकते हैं

🔥 संक्षेप में:
Fire Triangle basic model है जो आग को start और sustain होने के लिए जरूरी तीन elements – Heat, Fuel और Oxygen – को explain करता है।

Fire Tetrahedron क्या है? – What is Fire Tetrahedron

Fire Tetrahedron आग (Fire) की प्रक्रिया का एक advanced और modern मॉडल है। यह Fire Triangle का विस्तार है और बताता है कि आग केवल तीन तत्वों (Heat, Fuel, Oxygen) से नहीं बल्कि चौथे तत्व से भी प्रभावित होती है, जो इसे self-sustaining बनाता है।

Fire Tetrahedron के चार मुख्य तत्व हैं:


1. Heat (ताप / ऊष्मा)

Heat वह ऊर्जा है जो ईंधन को उसके ignition temperature तक पहुंचाती है।

  • Heat के बिना आग शुरू नहीं हो सकती।
  • Heat के स्रोत: बिजली का शॉर्ट-सर्किट, चिंगारी, घर्षण, गर्म उपकरण, तेज धूप।

2. Fuel (ईंधन / जलने वाली सामग्री)

Fuel वह पदार्थ है जो Heat मिलने पर जल सकता है। यह तीन रूपों में हो सकता है:

  • Solid (ठोस): लकड़ी, कपड़ा, कागज़
  • Liquid (तरल): पेट्रोल, डीज़ल, तेल
  • Gas (गैस): LPG, CNG, Hydrogen

Fuel के बिना आग के पास जलने के लिए कुछ भी नहीं होगा।


3. Oxygen (ऑक्सीजन / हवा)

Oxygen आग को sustain करती है।

  • हवा में लगभग 21% ऑक्सीजन होती है।
  • Oxygen की कमी से आग धीरे-धीरे बुझ जाती है।

4. Chemical Chain Reaction (रासायनिक श्रृंखला प्रतिक्रिया)

यह चौथा तत्व है जो Fire Triangle में नहीं था।

  • आग खुद को sustain करती है क्योंकि जलते हुए पदार्थ रासायनिक रूप से नए molecules उत्पन्न करते हैं।
  • यह chain reaction लगातार Heat generate करता है और आग को फैलने में मदद करता है।

🔥 Fire Tetrahedron यही समझाता है कि आग सिर्फ Heat, Fuel और Oxygen से नहीं बुझाई जा सकती, क्योंकि chemical chain reaction आग को लगातार बनाए रखती है।


Fire Triangle vs Fire Tetrahedron – Quick Comparison

FeatureFire TriangleFire Tetrahedron
ElementsHeat, Fuel, OxygenHeat, Fuel, Oxygen, Chemical Chain Reaction
ComplexitySimpleAdvanced / Complete
PurposeBasic understandingModern fire science & extinguishing
Use in firefightingTeaching & basic strategyDetailed fire suppression & research

Fire Tetrahedron का महत्व (Importance)

Chemical और electrical fires को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।

Modern firefighting में accurate understanding देता है।

सही fire extinguishing method चुनने में मदद करता है।

Industrial और commercial fire safety planning में essential है।

Conclusion

आज आपने विस्तार से समझा “आग कितने प्रकार की होती है | Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai” और हर प्रकार की आग के पीछे के कारण, पहचान, और उसका सही तरीक़ा जानने की जरूरत को समझा। आग एक प्राकृतिक रासायनिक प्रक्रिया है, लेकिन जब यह अनियंत्रित रूप से लगती है तो यह जान-माल दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकती है।

इसलिए सिर्फ आग के types (Class A, B, C, D, E/Electrical, और Class K) को जानना ही पर्याप्त नहीं है—बल्कि यह भी जरूरी है कि आप Fire Triangle और Fire Tetrahedron जैसे fundamental models समझें, जिससे पता चले कि आग क्यों और कैसे फैलती है। साथ ही, सही fire extinguisher का चुनाव, fire safety tips, और emergency actions सीखना भी आग के प्रभाव को कम करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

आपके घर, ऑफिस, या किसी भी workplace में fire safety को अपनाकर आप खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं। आखिरकार, जब आप यह जानते हैं कि आग कितने प्रकार की होती है और हर प्रकार को कैसे पहचानना है, तो आप बिना panic के सही निर्णय ले सकते हैं और सुरक्षित तरीके से आग को नियंत्रित कर सकते हैं।

आग कितने प्रकार की होती है? (Aag Kitne Prakar Ki Hoti Hai?)

आग कुल 6 प्रकार की होती है — Class A, Class B, Class C, Class D, Class E और Class K। हर आग की पहचान अलग होती है और उसे बुझाने के तरीके भी अलग होते हैं, इसलिए आग के प्रकार को समझना बहुत जरूरी है।

आग की पहचान कैसे करें? (How to Identify Fire Class?)

आग की पहचान जलने वाली सामग्री से होती है।
ठोस पदार्थ = Class A
ज्वलनशील तरल = Class B
गैसें = Class C
धातु = Class D
इलेक्ट्रिक उपकरण = Class E
किचन ऑयल/घी = Class K

Fire Triangle क्या है? (What is Fire Triangle?)

Fire Triangle आग बनने के तीन जरूरी तत्वों को दर्शाता है—Heat (ऊष्मा), Fuel (ईंधन) और Oxygen (ऑक्सीजन)। अगर इन तीनों में से किसी एक को हटा दिया जाए, तो आग अपने आप बुझ जाती है।

Class B Fire किसे कहते हैं? (What is Class B Fire?)

Class B आग उन तरल पदार्थों से लगती है जो जल्दी जलते हैं, जैसे पेट्रोल, डीज़ल, पेंट, थिनर या केरोसिन। इस आग को Foam Extinguisher या Dry Chemical Powder से बुझाया जाता है। पानी डालना बेहद खतरनाक होता है।

Kitchen Oil Fire को कैसे बुझाएं? (How to Extinguish Kitchen Oil Fire?)

Kitchen oil या घी की आग Class K आग कहलाती है। इसे Wet Chemical Extinguisher (K-Class) से बुझाया जाता है। कभी भी पानी का उपयोग न करें, क्योंकि तेल पानी पर तैरता है और आग तेजी से फैल सकती है।

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